New Delhi: अब पाकिस्तान में अलग खालिस्तान बनाने की उठी मांग, कराची में सड़कों पर लिखे स्लोगन

New Delhi: अब पाकिस्तान में अलग खालिस्तान बनाने की उठी मांग, कराची में सड़कों पर लिखे स्लोगन

नई दिल्ली: पाकिस्तान का पाप अब उसके सिर पर चढ़कर बोलने लगा है. उसने जिन खालिस्तानी आतंकवादियों को अपने यहां समर्थन दिया था अब वही पाकिस्तान में ही अलग खालिस्तान बनाने की मांग कर रहे हैं. खालिस्तानी आतंकवादियों के समर्थकों ने पाकिस्तान के मुख्य शहर कराची में जगह-जगह अलग खालिस्तान बनाने की मांग को लेकर स्लोगन लिखे हैं.

कराची की सड़कों पर लिखे स्लोगन

कराची की मुख्य सड़कों पर जगह-जगह यह स्लोगन लिखे दिख रहे हैं जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा है, ‘पाकिस्तान बनेगा खालिस्तान’, ‘कराची बनेगा खालिस्तान’, ‘मुल्ला बनेगा खालसा.’ दिलचस्प है कि खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों के लोगों ने यह वीडियो भी वायरल कर दिया है जिसमें कराची की सड़कों पर जगह-जगह यह स्लोगन लिखे दिख रहे हैं. कराची में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और पाकिस्तानी फौज के बड़े अधिकारी बड़े पैमाने पर रहते हैं, लिहाजा माना जाता कि वहां पर कड़ी सुरक्षा और सतर्क खुफिया निगाहें होंगी. इन सबके बावजूद वहां पर अलग खालिस्तान बनाने की मांग को लेकर जगह-जगह नारे लिख दिए गए.

पाकिस्तानी हुक्मरानों ने तुरंत संभालने की कोशिश की

पाकिस्तानी हुक्मरानों को खालिस्तानी आतंकवादियों की इस हरकत का जैसे ही पता चला उन्होंने तत्काल इस पर एक्शन लिया. सूत्रों के मुताबिक इस बाबत खालिस्तानी आतंकवादियों के आकाओं को बुलाकर बाकायदा पाकिस्तानी फौज और खुफिया एजेंसी के लोगों ने बैठक की. उन्हें स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए कि वह पाकिस्तान में ऐसी कोई डिमांड सार्वजनिक तौर पर ना लिखें जिससे यह साबित हो कि पाकिस्तान खुले तौर पर खालिस्तान का समर्थन कर रहा है.

खालिस्तानी आतंकवादियों में दो गुट

सूत्रों का कहना है कि खालिस्तानी आतंकवादियों में दो गुट बन गए हैं, जिनमें से एक गुट चाहता है कि पाकिस्तान की बड़ी आबादी जहां मौजूद है उस इलाके को खालिस्तान घोषित कर दिया जाए. इसके साथ ही बताया जा रहा है कि यह गुट कनाडा में भी ऐसी मांग उठाने जा रहा है. खालिस्तानी आतंकवादियों के इस अलग गुट का मानना है कि दूसरे देशों की खुफिया एजेंसियों ने उन्हें अभी तक केवल यूज किया है, लेकिन उनके मतलब की कोई चीज आज तक सामने नहीं आई है. जबकि उनके सैकड़ों लोग इस दौरान मारे जा चुके हैं. लिहाजा जो देश उन्हें समर्थन दे रहे हैं वह वहां अपने यहां पर छोटा हिस्सा ही दें, लेकिन खालिस्तान के नाम पर दे दें. हो सकता है जल्दी ही यह मांग कनाडा में भी देखने को मिले.

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